बांग्लादेश के कार्यालय में हुआ हमला : Security Beefed Up In Bangladesh | Ground Report From Bangladesh:

 आवामी लीग कार्यालय पर हमले के बाद ढाका में तनाव बड़ा : 

बांग्लादेश के कार्यालय में हुआ हमला :
बांग्लादेश के कार्यालय में हुआ हमला : 

आवामी लीग कार्यालय पर हमला और शहर में हिंसा

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित आवामी लीग का मुख्यालय हाल ही में बड़े पैमाने पर हिंसा और लूटपाट का शिकार हुआ। इस हमले में कार्यालय को भारी क्षति पहुंची। घटना तब हुई जब शेख हसीना की सरकार विरोधियों के निशाने पर थी। इसके बाद से ढाका में स्थिति अत्यधिक तनावपूर्ण हो गई है, और सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं।


पुलिस मुख्यालय की सुरक्षा:  सेना की तैनाती


घटना के बाद, ढाका में पुलिस मुख्यालय की सुरक्षा का जिम्मा अब बांग्लादेश की सेना ने संभाल लिया है। स्थानीय पुलिसकर्मी गायब हैं और सेना के जवानों ने मुख्यालय की सुरक्षा संभाल ली है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 5 अगस्त को हुई इस घटना के बाद से पुलिस मुख्यालय पर भारी पथराव हुआ, जिसमें कई खिड़कियां टूट गईं। पुलिस द्वारा छात्रों पर बर्बर बल प्रयोग के बाद जनता का गुस्सा भड़क उठा, जिससे पुलिस पर से जनता का भरोसा टूट गया है।सेना का दबदबा और पुलिस का विफलता

शहर में पुलिस बल की अनुपस्थिति और सेना की बढ़ती उपस्थिति ने शहरवासियों के मन में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अब ढाका की सुरक्षा पूरी तरह से सेना के हाथों में होगी। स्थानीय बाजारों में अब पुलिसकर्मियों की जगह सेना और बांग्लादेश स्काउट्स जैसे संगठनों के लोग ही दिखते हैं। जनता अब पुलिस पर भरोसा खो चुकी है और उनकी उम्मीदें केवल सेना पर टिकी हैं।


अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया: अमेरिका में विरोध प्रदर्शन

वाशिंगटन डीसी:

 बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा और अत्याचार के विरोध में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में हिंदू अमेरिकन, इंडियन अमेरिकन, और बांग्लादेशी अमेरिकन समुदायों ने एक विरोध प्रदर्शन किया। करीब 100 से 150 लोगों ने व्हाइट हाउस के सामने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और अमेरिका के नेताओं, विशेषकर राष्ट्रपति जो बाइडन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों को रोकने की अपील की।


बांग्लादेश में हिंसा के पीछे आईएसआई की साजिश?


विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में हो रही इस हिंसा के पीछे आईएसआई का हाथ हो सकता है। 1970 के स्वतंत्रता संग्राम की याद दिलाते हुए, उन्होंने कहा कि कट्टरपंथियों को इकट्ठा कर राष्ट्रवादियों को निशाना बनाने का प्रयास हो रहा है, जिससे देश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश की जा रही है।इन घटनाओं ने बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि हालात कब तक सुधरते हैं।

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